प्रबोधिनी मंच महाराष्ट्र समूह तर्फे आजची कविता – माय मराठी

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माय मराठी शान आमुची
इथे गाथा पराक्रमाची…….
भूमी ही शुर वीरांची
भोळ्या भाबड्या माय माऊलींची//

माय मराठी शान आमुची
सरळ भाषा सोप्या शब्दाची…….
इथे ना आढेवेढे परंपरेचे
मराठमोळ्या रीतिरिवाजांची//

माय मराठी शान आमुची
सरळ सुलभ वाणी हिची…….
घेता श्रीहरी नाम मुखी
सहज येतो शब्द ओठी//

माय मराठी शान आमुची
उधळण इथे सणासुदीची……
गोष्ट ही अभिमानाची
नटलेली राजभाषा मराठी//

सौ.वैजयंती विकास गहुकर
योगा टीचर जिल्हा चंद्रपूर

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