भाग्यश्री हांडे जिल्हा प्रतिनिधी चंद्रपूर – चंद्रपुर बचाव संघर्ष समिति द्वारा जनता महाविद्यालय चंद्रपुर के प्राचार्य डॉ. एम. सुभाष का शिक्षा के क्षेत्र में उनके अविस्मरणीय योगदान के लिए अध्यक्ष डॉ. गोपाल मुंधडा के करकमलों से सत्कार किया गया। कार्यक्रम का आयोजन बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ प्रकल्प के अंतर्गत किया गया। कार्यक्रम की प्रस्तावना संस्था के उपाध्यक्ष एवं प्रकल्प संचालक मोहम्मद जिलानी ने रखी। उन्होंने संस्था एवं प्रकल्प के विषय में उपस्थित छात्र छात्राओं एवं गणमान्य जनो को संक्षिप्त में अवगत कराया और युगपुरुष डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के जीवन से दिशा निर्देश लेते हुए अपने जीवन पथ का सही निर्धारण करने का संदेश दिया। प्राचार्य डॉ. एम. सुभाष ने अपने अभिभाषण में संस्था द्वारा उनके सत्कार को स्वीकार किया एवं आभार माना तथा छात्र छात्राओं को शिक्षा का महत्व समझाते हुए उसे जीवन में अमल में लाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध स्त्री रोग तज्ञा डॉ. रुजुता मुंधडा का भी समावेश रहा। उन्होंने छात्राओं को किशोर अवस्था में होने वाले बदलाव एवं आकर्षण को किस तरह से पहचाने और उसको आत्मसार करे इससे सविस्तर अवगत कराया एवं मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पडोली पुलिस थाने के पुलिस उपनिरीक्षक रोशन इरपाचे ने विद्यार्थियों को मोबाइल के दुरुपयोग एवं सोशल मीडिया पर निरंतर हो रहे अपराध से अवगत कराया एवं इससे दूर रहने का आग्रह किया। उन्होंने इन सभी असामाजिक तत्वों से खुद को बचने के पूर्वोपाय भी समझाए। अध्यक्ष अभिभाषण में डॉ. गोपाल मुंधडा ने विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार के व्यसन से दूर रहने का आग्रह किया और किसी श्रेष्ठ व्यक्तित्व को अपना आदर्श मान कर उनके मूल्यों पर आधारित अपने जीवन का उत्तम गठन करने की प्रेरणा दी। महाविद्यालय की उपप्रधानाचार्य कविता रंगरी की भी कार्यक्रम में विशेष उपस्तिथि रही। कार्यक्रम का सकुशल संचालन प्रोफेसर हेमंत उर्कुडे ने किया। कार्यक्रम में संस्था के उपाध्यक्ष – डॉ. बालमुकुंद पालीवाल, डॉ. दाभेरे, सचिव – सुधाकर कावुडे, सपना नामपल्लीवार, संजीवनी कुबेर, डलिया चौहान, रीना मंडल, एस जीवंकर, सुविध्या बांबोडे, अशोक पूर्णय आदि के उल्लेखनीय उपस्तिथि रही। कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन संस्था के संग. सचिव एवं बसुरी वादक आशिष बाला ने किया एवं बसुरी के मधुर धुन पर वन्दे मातरम् से कार्यक्रम का समापन हुआ।

